अरे ओ मानव देख तेरा भविष्य तुझपे हंस रहा है अरे ओ बुध्धिमान मुर्ख ये तू क्या कर रहा है
अरे सेख चिल्ली के वंशज जिस डाल पैर बैठा है उसी को काट रहा है
अरे आ गया है वक्त चुका दे अहसान दिखा दे स्वाभिमान लगा दे एक पेड़ बना दे एक मेड
पूरा कर दे फर्ज उतार दे धरती माँ का कर्ज अरे ओ धरती माँ के कपूत बहुत दिया है माँ ने अब और मत लूट
अरे कुत्ता भी जहा बैठता है...................................